शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग का परिचय - Introduction of trading in stock market
Trading, यह शब्द ज्यादातर Stock Market या Share Market में नए लोगों को परेशान शबब बनता है। आज कई small retailers Stock Market या Share Market में है जो trading और investment क्या हैं इसमे अंतर नहीं समझ पाते हैं। Trading को आसान शब्दों में समझें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है।
" व्यापार " यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना। Trading का मतलब (Buy & Sell) होता है। किसी भी चीज़ को खरीद कर उसे मुनाफे में बेचने को ही Trading कहा जाता है।
आप जैसे कोई Bussiness करते हैं बिल्कुल वॉस ही आपको Stock Market में Share को Buy या Sell कर पैसे कमा सकते हैं। किसी भी Share को कम कीमत में खरीदना और उसे ज्यादा कीमत में बेचना ही Trading है।
Share Market में trading 5 प्रकार की होती है-
Intraday Trading
Scalping Trading
Swing Trading
Positional Trading
Arbitrage Trading
ट्रेडिंग क्या हैं आइये डिटेल्स में जानिये।
What is Trading in Hindi?
यदि आसान शब्दों में Trading को समझें तो इसका मतलब " व्यापार " होता है। मतलब किसी वस्तु या
सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना। Stock Market Trading भी ऐसे ही होता है, जैसे हम किसी वस्तु को खरीद करके और उसकी बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। मतलब ट्रेडिंग का मुख्य मकसद किसी भी वस्तु या सेवा को खरीद व बेच कर कम समय में मुनाफा कमाना होता है।
ठीक वैसे ही स्टॉक मार्केट में किसी वस्तु की नहीं बल्कि कंपनियों के शेयर की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है। यानि Trading में हम
शेयर मार्केट से शेयर को खरीदने और बेचने का काम Buy and sell shares from
the stock market करते हैं।
यहाँ हम शेयर को stock exchange से कम price पर खरीदते हैं और फिर उस शेयर की price हाई होने पर उसे sell बेच देते हैं।
Trading और investment में क्या अंतर होता हैं
आइये देखते हैं Trading और investment में क्या अंतर होता हैं - Trading, Share Market में सबसे ज्यादा की जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते हैं।
Trading और इन्वेस्टमेंट में जो अंतर होता हैं वो टाइमिंग का होता हैं जैसे अगर किसी share की समय अवधि 1 साल तक की होती है मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। वो trading कहलाता हैं ।
यदि आप एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश या Investment कहलाता है।
मैं उम्मीद करता हु की आप अच्छे से Trading और investment में क्या अंतर होता हैं समझ गए होंगें ।
शेयर मार्केट ट्रेडिंग Stock Market Trading
शेयर मार्केट में यदि हम शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेच देते है तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
शेयर मार्केट ट्रेडिंग को उदाहरण के द्वारा समझने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर :-
जैसे आप शेयर मार्केट में से Tata का 1 share खरीदना चाहते हैं और सुबह 9 : 15 पर मार्केट के खुलते ही शेयर की कीमत 100 ₹ होती है और दिन में 1 PM तक शेयर की Price 110 ₹ हो जाती है।
यदि आप शेयर को सुबह खरीद लेते तो 100 ₹ का आपको 1 शेयर मिलता जिसे आप 110 ₹ में बेच सकते थे और ऐसा करने पर आपको 10 ₹ का मुनाफा होता जो कि आपका profit होता बस इस पूरी प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं। कभी कभी उसके उलट भी हो जाता हैं मान लीजिये कोई share 100 रुपये का खरीदे और कुछ टाइम बाद 90 ₹ का हो गया तो आपका 10₹ का नुक़सान हो गया इसलिए Trading को काफी रिस्की कहा जाता है।
ट्रेडिंग के 5 प्रकार कौन से हैं? Five Types of Trading
ट्रेडिंग के प्रति उत्साही लोगों के लिए शेयर बाजार अवसरों का एक बहुत बड़ा समुन्द्र दिखता है। यह बहुत ही आकर्षक भी होता है अगर आपने रणनीतिक और अच्छी तरह से पालन किया तो प्रॉफिट यह होना ही हैं। चूंकि प्रत्येक Trader का एक अलग सोच का होता है, इसलिए Trading एक व्यक्ति की सोच दूसरे व्यक्ति से अलग हो सकती है।
Trading मुख्यतः पांच प्रकार हैं। इनमे से आप वह वह चुनें जो आपके मनोविज्ञान से मेल खाता हो।
1. Intraday
Trading
2. Scalping
Trading
3. Swing
Trading
4. Positional
Trading
5. Arbitrage
Trading
1- इंट्राडे ट्रेडिंग Intraday Trading
Intraday Trading के नाम से ही पता चल जाता हैं कि ये एक दिन की trading हैं ये पूरा ट्रेडिंग सेशन ही एक दिन का होता इसलिए इसे Intraday Trading कहते हैं।
Intraday Trading में ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर को खरीदता और बेचता है और उसे इसी टाइमिंग में उसे प्रॉफिट और लॉस लेकर बाहर होना होता हैं।
इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है। यानि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। मतलब Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए।
2- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग Scalping Trading
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग भी Intraday Trading की तरह ही होता हैं इसे भी शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के बीच में की जाती है लेकिन Scalping Trading में पूरे दिन ट्रेडिंग नहीं की जाती है। Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। इसमें traders केवल कुछ सेकंड या कुछ मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं।
जैसे 9:15 AM पर शेयर को खरीद कर 10:00 AM पर ही शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेना है। ये जो टाइमिंग हैं सिर्फ एक उदाहरण के लिए बताया गया हैं timming कुछ भी हो सकता हैं । जो इस टाइम का ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। scalping trading को सबसे ज्यादा रिस्की माना जाता है।
3- स्विंग ट्रेडिंग Swing Trading
Swing Trading की बात की जाये तो यह ट्रेडिंग कुछ दिन और हफ़्तों के लिए की जाती है और इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना का काम शेयर मार्केट के खुलने और बंद होने के बीच ही किया जाता है।
इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है और यह उन लोगों के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं जैसे जॉब करने वाले लोग, स्टूडेंट्स आदि। इसमें ट्रेडर्स शेयर मार्केट में कम दाम पर शेयर खरीद लेते है और फिर उन्हें hold करके रख लेते हैं और जब बाद में जब कुछ दिन या हफ्ते में उनके शेयर की price ज्यादा हो जाती है तो तब उन्हें बेच कर मुनाफा कमा लेते हैं।
मतलब इसमें traders एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं।
4- Positional Trading
Positional Trading बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है। Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाते हैं। यह Trading long term का होता है। Positional ट्रेडिंग में शेयर्स को लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है इसके अंदर किसी शेयर को कुछ महीनों से लेकर 1 साल तक खरीदकर रखा जाता है और फिर उस Share को बेच कर Profit कमाया जाता है। शेयर बाजार के रोजाना के up-down का इन पर ज्यादा असर नहीं होता है। और ये मेरा सबसे पसंदीदा trading हैं और जब भी आप ट्रेडिंग शुरू करे इससे ही शुरू करे यहाँ रिश्क कम होता हैं और यहाँ सीखने के लिए काफ़ी मिलता हैं ।
5. Arbitrage Trading
आर्बिट्रेज ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख व्यापारिक फर्मों के लिए आरक्षित है क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक विश्लेषणात्मक कौशल की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अधिक नेटवर्क गति की आवश्यकता है।
Trading और Investment में कुछ मुख्य अंतर Differences Between Trading And Investing
- जो लोग
Trading करते हैं
उन्हें traders कहा जाता
है और
वहीं निवेश
Investment करने वाले
लोगों को
निवेशक Investor कहा जाता
है।
- Trading
में टेक्निकल
एनालिसिस के
बारे में
जानना आवश्यक
होता है।
वहीं Investment की बात
करें तो
उसमें fundamental analysis की जानकारी
होनी जरुरी
है।
- Trading
में शेयर
को short term के लिए
खरीदा जाता
है और
Investment में शेयर
को लंबे
समय के
लिए खरीद
लिया जाता
है।
- Trading
लोगों के
द्वारा short term मुनाफे को
कमाने के
लिए किया
जाता है
वहीं निवेश
Investment लंबे समय
के मुनाफे
को कमाने
के लिए
किया जाता
है।
- Trading
की जो
अवधि होती
है वो
1 साल तक
की होती
है। वहीं
निवेश की
अवधि 1 साल
से ज्यादा
की होती
है।
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2 Comments
Very good 👍
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